सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में बदलाव, 5 पॉइंट्स में समझें

0
1046

टैक्स बचत के साथ-साथ निवेश के लिहाज से बेहद लोकप्रिय सुकन्या समृद्धि योजना में सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं। वित्त मंत्रालय ने कुछ नियमों को बदलकर उनकी जगह नए नियम लाए हैं। हालांकि, इस योजना में कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं है, लेकिन जो पांच बदलाव किए गए हैं, उनसे आपका अवगत होना जरूरी है।नियमों के मुताबिक, अगर आप सुकन्या समृद्धि अकाउंट में न्यूनतम 250 रुपये की भी रकम एक वित्त वर्ष में जमा नहीं करते हैं तो उसे डिफॉल्ट अकाउंट माना जाता है। सरकार द्वारा 12 दिसंबर, 2019 को अधिसूचित नए नियम के मुताबिक, अब ऐसे डिफॉल्ट अकाउंट में जमा रकम पर वही इंट्रेस्ट रेट मिलेगा, जो स्कीम के लिए तय किया गया होगा। पहले इस तरह के अकाउंट पर इंट्रेस्ट रेट पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज दर के बराबर मिलता था। वर्तमान में सुकन्या समृद्धि योजना खाते पर 8.7% तो पोस्ट ऑफिस बचत खाते पर 4% की ब्याज दर मिलती है।नए नियमों के मुताबिक, बच्ची की मौत होने या सहानुभूति के आधार पर अकाउंट को परिपक्वता अवधि से पहले बंद किया जा सकता है। सहानुभूति का तात्पर्य उस स्थिति से है, जिसमें अकाउंट होल्डर को जानलेवा बीमारी का इलाज कराना हो या अभिभावक की मौत हो गई हो। इससे पहले, सुकन्या समृद्धि अकाउंट को परिपक्वता अवधि से पहले तभी बंद किया जा सकता था, जब खाताधारक की मौत हो गई हो या बच्ची का निवास स्थान बदल गया हो।नए नियमों के मुताबिक जिस बच्ची के नाम से अकाउंट है, वह जबतक 18 साल की नहीं हो जाती तबतक अपने खाते का संचालन अपने हाथ में नहीं ले सकती है, जबकि पहले यह आयु 10 साल थी। जब बच्ची 18 साल की हो जाएगी, तो अभिभावक को बच्ची से संबंधित दस्तावेज पोस्ट ऑफिस में जमा कराना होगा।अब दो से अधिक बच्चियों का सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुलवाने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज जमा कराने की जरूरत पड़ेगी। नए नियम के मुताबिक, अगर दो से अधिक बच्ची का खाता खुलवाना है तो बर्थ सर्टिफिकेट के साथ-साथ एक हलफनामा देना भी जरूरी होगा। इससे पहले, गार्जियन को बच्ची का केवल मेडिकल सर्टिफिकेट देने की जरूरत होती थी।सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में उपरोक्त बदलावों के अलावा कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जबकि कुछ हटाए गए हैं। इनके बारे में अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है।