सुप्रीम कोर्ट में 17 फ़रवरी 2020 को होने वाली सुनवाई से पहले एक व्हाट्सऐप ग्रुप पर पूरी रात चर्चा चलती रही थी.तड़के क़रीब तीन बजे शाहीन बाग़ के आधिकारिक हैंडल से एक चिट्ठी जारी की गई. इस चिट्ठी में शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों ने ये उम्मीद जताई थी कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, भारत की केंद्रीय सरकार, दिल्ली की सरकार और पुलिस प्रशासन पर्याप्त निष्पक्षता से अदालत के सामने शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों का भी पक्ष रखेंगे.इस चिट्ठी में ये तर्क भी दिया गया था कि ये प्रदर्शन नागरिकों का बुनियादी अधिकार है. शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों का ये ख़त सोशल मीडिया पर जारी किया गया था.प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान, बातचीत के लिए जिन दो मध्यस्थों को नियुक्त किया, उस समय इस चिट्ठी का भी अदालत ने ज़िक्र किया था. सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वक़ील संजय हेगड़े और मध्यस्थता की विशेषज्ञ साधना रामचंद्र को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए नियुक्त किया है.