राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधियों ने कहा था कि यदि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ हाथ मिलाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन भाजपा को महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रखा जाना चाहिए। शिवसेना और भाजपा ने गत वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री का पद ढाई वर्ष बारी बारी से साझा करने के मुद्दे पर असहमति के चलते दोनों अलग हो गईं। उसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एकसाथ आईं और काफी विचार विमर्श के बाद राज्य में सरकार बनाई। राकांपा के अल्पसंख्यक इकाई की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में पवार ने इस बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में तीन चार सप्ताह से सरकार गठन की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा था।