कोरोना की दहशत ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इसका इलाज खोज रहे हैं। इसके लिए टीका विकसित करने को लेकर एक कंपनी वॉलंटियर की भर्ती कर रही है। यह कंपनी वॉलंटियर को कोरोना वायरस से संक्रमित करने के पैसे भी दे रही है।वैक्सिन विकसित करने के दौरान अगर वॉलंटियर कोरोना से संक्रमित हो जाता है तो उसे 4,588 डॉलर यानी लगभग 3,40,083 रुपये दिया जाएगा।लंदन की क्वीन मैरी बायो इंटरप्राइजेज इनोवेशन सेंटर अध्ययन के लिए 24 लोगों की भर्तियां कर रही है।रिसर्च के लिए जिन वॉलंटियर की भर्तियां की जाएंगी, उन्हें कई तरह के टेस्ट से गुजरना होगा। सेलेक्ट हो जाने पर वॉलंटियर के शरीर में प्रयोगशाला में कमजोर किए गए कोरोना वायरस को इंजेक्ट किया जाएगा। इससे वॉलंटियर को कुछ खास नहीं, बस सांस लेने से संबंधित थोड़ी बहुत दिक्कत हो सकती है।वॉलंटियर को दो सप्ताह तक निगरानी में रखा जाएगा और देखा जाएगा कि प्रयोग सफल होता है या नहींरिसर्च के दौरान वॉलंटियर के शरीर में कोरोना वायरस पहुंचाने के अलावा उसे कुछ गतिविधियों से परहेज करना होगा। जैसे उसका डाइट पूरी तरह नियंत्रित होगा, अन्य लोगों से उन्हें अलग रखा जाएगा, कसरत नहीं करना होगा और पूरी तरह निगरानी में रहना होगा।रिसर्च में हिस्सा लेने वाले डॉक्टर्स वैक्सिन के प्रति उनकी प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करेंगे। ब्रिटेन की मेडिसिन रेग्युलेटर मेडिसिन्स ऐंड हेल्थकेयर प्रॉडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी ने इस रिसर्च के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा आपातकाल के दौरान किसी वैक्सिन को मंजूरी मिलने की शायद ही संभावना है।